31 जनवरी, 2009

एक छोटी चिडिया

एक छोटी चिडिया शीत ऋतू के कारण दक्षिण देश की ओर जा रही थी, पर ठण्ड ज्यादा होने के कारण वह आसमान से गिर कर एक बड़े मैदान में आ जाती है . जब वह लेटी होती है तो एक गाय उधर से गुज़रती है और उसके ऊपर गोबर कर देती है . ठण्ड से सिकुडी हुई चिडिया को गोबर से गर्मी मिलती है और वह स्वस्थ हो जाती है . अब वो खुशी से गाने लगती है तो उसका गाना सुनकर एक बिल्ली आ जाती है . बिल्ली चिडिया को गोबर से खोज कर निकल लेती है और खा जाती है .
  1. जो आप के ऊपर गोबर फेंके (बुरा व्यव्हार करे ), वो आप दुश्मन है ये बात ग़लत है ।
  2. जो आप को गोबर से निकाल ले (आप की मदद करे ), वो आप का दोस्त हो ये बात भी ग़लत है ।
  3. जब आप गोबर में बैठे है (कष्ट या दुखी हैं ), तो सबसे अच्छा है की आप अपना मुखं बंद रक्खे (किसी से कुछ ना कहे ) .

माँ सरस्वती को नमन




या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रव्रिता |

या वीणा वरा दंडमंडित करा या श्वेत पद्मासना ||


या ब्रह्मच्युत शंकरा प्रभुतिभी देवी सदा वन्दिता |

सामा पातु सरस्वती भगवती निशेश्य जाड्या पहा ||

माँ सरस्वती बोलने की शक्ति , चतुराई और ज्ञान की देवी हैं . उनके पास चार हाथ हैं पहला ज्ञान का, दूसरा मस्तिष्क का ,तीसरा समझ का और चौथा चौकसी और अहम् का है .

माँ सरस्वती की आराधना हम वसंत पंचमी के दिन करते है . आज वसंत पंचमी है और आज हम माँ को याद कर रहें है. माँ सरस्वती के असली भक्त अब खोजने पड़ते है क्योंकि इस कलयुग में लक्ष्मी के भक्त बढ गए हैं , आज शिक्षा पैसे बनाने का उद्योग बन गया , हिन्दी माध्यम शिक्षण संस्थान बंद हो रहे है और अंगरेजी माध्यम शिक्षण संस्थान रोज नए खुल रहे है . मैं ये नही कहता की ये ग़लत है लेकिन ये उचित भी नही है की हम अपनी मातृ भाषा को छोड़ कर एक विदेशी भाषा के गुलाम बन जाए . आज बच्चो को प्रणाम शब्द की जगह हाई और हेल्लो शब्द सिखाते है . उच्च शिक्षा के लिए अग्रेजी अनिवार्य है और बिना लक्ष्मी के वो मिलना भी मुमकिन नही है .

मैं बस यही चाहता हूँ कि माँ सरस्वती कि कृपा हमारे ऊपर बनी रहे और वो सबका कल्याण करे .

30 जनवरी, 2009

गाँधी जी को नमन

अभी एक लेख पढ़ा गाँधी जी के बारे में पढ़ कर सोचना पड़ा की हम क्या कर रहे है
http://feeds.feedburner.com/~r/Bhadas/~3/526971499/blog-post_7574.html

गाँधी जी के बारे अब सही सुनने को कम ही मिलता है. लोगों को आज कल निंदा और बुराई करने आनंद आता है . लेकिन कुछ लोग है जो गाँधी को मानते है पर केवल मुखं से कर्म से नही. अब वो दिन दूर नही लगता जब लोग नाथू राम गोडसे को महान और गाँधी जी को चोर और व्यभिचारी बोलेगे .पता नही हमारा ये समाज और देश कहाँ जाना चाहता है .

26 जनवरी, 2009

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एक प्रसिद्ध वक्ता अपने सुनने वालों का मनोरंजन कर रहे थे .
वह बोले : "मैंने अपने जीवन के अमूल्य साल जिस महिला की बाँहों में गुजारे वो मेरी पत्नी नही थी !"
श्रोतागण खामोश और अचम्भित हो गए .

वक्ता आगे बोले : "और वो मेरी माँ थी !"

लोग हसने लगे !


एक सप्ताह बाद , एक टॉप मेनेजर जो प्रसिद्ध वक्ता का शिष्य था इस चुटकुले को घर पर करना चाहा.

काफी ज्यादा पीने के बाद .
वह जोर से बोला , "मैंने अपने जीवन के अमूल्य साल जिस महिला की बाँहों में गुजारे वो मेरी पत्नी नही थी !"

उसकी पत्नी ने इस बात को सुना तो उसके कान खड़े हो गए और उसे झटका लगा.

काफी देर तक प्रयास करने पर भी जब मेनेजर को चुटकुले का दूसरा हिस्सा याद नही आया तो वह बोला "... और मुझे याद नही आ रहा कि वो कौन थी !"

23 जनवरी, 2009

आरती श्री गूगल महाराज की

ॐ जय गूगल हरे !!
स्वामी जय गूगल हरे
प्रोग्रामर के संकट , डेवेलपर्स के संकट ,
क्लिक में दूर करे!!
ॐ जय गूगल हरे !!

जो ध्यावे वो पावे ,
दुःख बिन से मन का , स्वामी दुःख बिन से मन का ,
होमपेज की संपत्ति लावे , होमवर्क की संपत्ति करावे
कष्ट मिटे वर्क का ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!

तुम पूरण सर्च इंजन
तुम ही इन्टरनेट यामी , स्वामी तुम ही इन्टरनेट यामी
पर करो हमारी सैलरी , पर करो हमारी अप्प्रिसल ,
तुम दुनिया के स्वामी ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे .


तुम इन्फोर्मेशन के सागर ,
तुम पालन करता , स्वामी तुम पालन करता ,
मैं मूर्ख खल्कमी , मैं सर्चर तुम सर्वर-आमी
तुम करता धरता !!
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!


दीन बन्धु दुःख हरता ,
तुम रक्षक मेरे , स्वामी तुम ठाकुर मेरे ,
अपनी सर्च दिखाओ , सरे रिसर्च कराओ
साईट पर खड़ा में तेरे ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!


गूगल देवता की आरती जो कोई प्रोग्रामर गावे ,
स्वामी जो कोई भी प्रोग्रामर गावे ,
कहेत सुन स्वामी , एम स हरी हर स्वामी ,
मनवांछित फल पावे .
स्वामी ॐ जय गूगल हरे .