सुरेन्द्र जी (वो इलाहबाद से रायबरेली वाले) की पत्नी जब भी कोई बात उनसे पूछती है तो वो कहते है "तुम तो ज्यादा पढ़ी हो तुम्हे ही मालूम होगा"।
मैंने एक बार उनसे पूछा की "आप हर बार ऐसा जवाब क्यों देते हो"। तो सुरेन्द्र जी बोले आलोक बात ऐसी है की "हमारी श्रीमती जी हिंदी से ऍम ए हैं और हम बी ए पास, लेकिन पिता जी ने शादी तय कर दी थी तो करनी पड़ी"। मैं बात काटते हुए बोला "तो चाची जी आप से उम्र में बड़ी हैं "। सुरेन्द्र जी बोले नहीं "हम बी ए कर के इलाहबाद में ५ साल कलेक्टर बनने की कोशिस कर रहे थे पर बने बाबु (लिपिक ), अच्छा शादी के बाद हमें ये कई बार कह चुकी थी की पिता जी ने हमारी शादी आप से तय कर दी वरना तो हम किसी बड़े घर में जाते, एक साल बाद सब ठीक हो गया इन्होने बड़े घर में जानेवाली बात कहना छोड़ दिया। लेकिन मेरे मन में हमेशा था की ये ज्यादा पढ़ी है ।"
आगे की कहानी ऐसी है कि "एक बार मै और ये बाजार गए थे कुछ सामान लेने । तभी इन्हें रास्ते में इनकी एक सहेली मिल गयी और बहुत देर तक इन्होने उससे बाते की, हमारा भी परिचय करवाया। इनके सहेली के जाने के बाद हमने इनसे पूछा की "क्या वो तुम्हारी क्लासफेलो थी ?"
श्रीमती जी बोली "अरे वो मेरे साथ कहाँ फेल हुई थी , वो तो पास हो गई थी"। फिर हमने पूछा "क्या वो तुम्हारे साथ पढ़ती थी ?" तो श्रीमती जी बोली "हाँ १० वीं में हम साथ थे, पर मैं फेल हो गयी और वो पास हो गई तो वो मुझसे एक साल आगे थी "।
इतना कहने के बाद श्रीमती जी को याद आया की उन्होंने तो अपने फेल होने की बात तो हमसे कभी बताई ही नहीं थी, और वो चुप हो गयी बस उस दिन से जब भी हमसे कुछ पूछती है तो हम यही कहते है की "भाई आप ज्यादा पढ़ी हो , आपको ज्यादा मालूम होगा "। वैसे आलोक "वो हमसे ज्यादा पढ़ी भी है वो ऍम ए और हम बी ए और हमने १० वीं एक बार पढ़ी और उन्होंने दो बार पढ़ी है"
मैंने कहा "चाची को अगर क्लासफेलो का मतलब पता होता तो आप को कभी पता नहीं चलता की चाची फेल भी हुई थी, अच्छा हुआ चाची जी की अंग्रेजी कमजोर थी"
मैंने एक बार उनसे पूछा की "आप हर बार ऐसा जवाब क्यों देते हो"। तो सुरेन्द्र जी बोले आलोक बात ऐसी है की "हमारी श्रीमती जी हिंदी से ऍम ए हैं और हम बी ए पास, लेकिन पिता जी ने शादी तय कर दी थी तो करनी पड़ी"। मैं बात काटते हुए बोला "तो चाची जी आप से उम्र में बड़ी हैं "। सुरेन्द्र जी बोले नहीं "हम बी ए कर के इलाहबाद में ५ साल कलेक्टर बनने की कोशिस कर रहे थे पर बने बाबु (लिपिक ), अच्छा शादी के बाद हमें ये कई बार कह चुकी थी की पिता जी ने हमारी शादी आप से तय कर दी वरना तो हम किसी बड़े घर में जाते, एक साल बाद सब ठीक हो गया इन्होने बड़े घर में जानेवाली बात कहना छोड़ दिया। लेकिन मेरे मन में हमेशा था की ये ज्यादा पढ़ी है ।"
आगे की कहानी ऐसी है कि "एक बार मै और ये बाजार गए थे कुछ सामान लेने । तभी इन्हें रास्ते में इनकी एक सहेली मिल गयी और बहुत देर तक इन्होने उससे बाते की, हमारा भी परिचय करवाया। इनके सहेली के जाने के बाद हमने इनसे पूछा की "क्या वो तुम्हारी क्लासफेलो थी ?"
श्रीमती जी बोली "अरे वो मेरे साथ कहाँ फेल हुई थी , वो तो पास हो गई थी"। फिर हमने पूछा "क्या वो तुम्हारे साथ पढ़ती थी ?" तो श्रीमती जी बोली "हाँ १० वीं में हम साथ थे, पर मैं फेल हो गयी और वो पास हो गई तो वो मुझसे एक साल आगे थी "।
इतना कहने के बाद श्रीमती जी को याद आया की उन्होंने तो अपने फेल होने की बात तो हमसे कभी बताई ही नहीं थी, और वो चुप हो गयी बस उस दिन से जब भी हमसे कुछ पूछती है तो हम यही कहते है की "भाई आप ज्यादा पढ़ी हो , आपको ज्यादा मालूम होगा "। वैसे आलोक "वो हमसे ज्यादा पढ़ी भी है वो ऍम ए और हम बी ए और हमने १० वीं एक बार पढ़ी और उन्होंने दो बार पढ़ी है"
मैंने कहा "चाची को अगर क्लासफेलो का मतलब पता होता तो आप को कभी पता नहीं चलता की चाची फेल भी हुई थी, अच्छा हुआ चाची जी की अंग्रेजी कमजोर थी"
आलोक भाई ,किसी को छोडोगे या नहीं.
जवाब देंहटाएंअंदर की बात अंदर ही रहे दो.
हा हा हा ...बहुत खूब भाई ...मजेदार
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
"वो हमसे ज्यादा पढ़ी भी है वो ऍम ए और हम बी ए और हमने १० वीं एक बार पढ़ी और उन्होंने दो बार पढ़ी है"
जवाब देंहटाएंबहुत सही विषलेषण किया है.:)
रामराम.
मजेदार किस्सा .........मजा आ गया आलोक भाई
जवाब देंहटाएंरोचक-मजेदार!!
जवाब देंहटाएंवाह वाह
जवाब देंहटाएंउन्हें लगा क्लासफेलो मतलब जो साथ में फेल हुआ हो .
मजेदार
आलोक भाई , गजब की पोस्ट खोज , खोज के ले आते हैं , मजेदार
जवाब देंहटाएंवाह! वैसे उम्र के साथ साथ लोग फैलते हैं - वजन बढ़ने से। क्लासफैलो का मतलब क्लास में साथ साथ फैलने से भी लगा सकते हैं। :-)
जवाब देंहटाएंआलोक भाई ऎम ए का पंजाबी मै मतलब होता है युही या फ़िर झूठ मुठ, आलोक भाई मजा आ गया...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सहज हास्याभिव्यक्ति के लिये बहुत बधाई...... आलोक जी, हमें हंसना याद दिला कर आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं..
जवाब देंहटाएंमजेदार :-)
जवाब देंहटाएंमजेदार किस्सा .........मजा आ गया आलोक जी
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