डाकू (ताऊ से)- सुन या तो तू अपनी जान देगा, या फिर वह सारा रुपया जो पोटली में दबाकर ले जा रहा है।
ताऊ (डाकू से)- नहीं जी, तुम मेरी जान ही ले लो, रुपया तो मैंने बुढ़ापे के लिए रख छोड़ा है।
ताऊ (भाटिया जी से)- मैं बचपन में बहुत ताकतवर था..
भाटिया जी (ताऊ से)- वो कैसे?
ताऊ - मां कहती है मैं जब रोता था तो सारा घर सिर पर उठा लेता था।
गरीब मरीज- डॉक्टर साहब मेरे पास पैसे नही हैं आप मेरा इलाज कर दें तो कभी आपके काम आऊंगा।
डॉक्टर- तुम काम क्या करते हो?
मरीज- जी कब्र खोदता हूं।
मैं (रामप्यारी से)- तुम बल्ब पर ताऊ का नाम क्यों लिख रहे हो?
रामप्यारी (मुझसे से)- मैं ताऊ का नाम रोशन करना चाहती हूं।
रामप्यारी बहुत देर से घर के बाहर खड़ी दरवाजे की घंटी बजाने की कोशिश कर रही थी । तभी ज्ञान जी आये और बोले - क्या कर रही हो रामप्यारी ?
रामप्यारी - अंकल, ये घंटी बजाना चाहती हूं।
ज्ञान जी (घंटी बजाकर)- ये तो बज गयी अब क्या है।
रामप्यारी - अब भागो!
मैं (बॉस से)- सर मेरा वेतन बढ़ा दीजिये, अब मेरी शादी होने वाली है।
बॉस- कार्यालय के बाहर होने वाली दुर्घटनाओं के लिए ऑफिस जिम्मेदार नही है।
लेडी डॉक्टर (गुस्से से)- तुम रोज सुबह अस्पताल के बाहर खड़े होकर औरतों को क्यों घूरते हो?
मैं (डॉक्टर से)- मैडम, अस्पताल के बाहर ही तो लिखा है- औरतों को देखने का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक।
पत्नी (सुरेन्द्र जी से )- रात को आप शराब पीकर गटर में गिर गए थे।
सुरेन्द्र जी (पत्नी से)- क्या बताऊं, सब गलत संगत का असर है, हम 4 दोस्त....1 बोतल, और वो तीनों कम्बख्त पीते नही।
हा हा हा वाह वाह बहुत खूब बधाई
जवाब देंहटाएंभाई बहुत ही मजेदार हा हाहा
जवाब देंहटाएंha ha rampyari bhago::) bahut badhiya raha
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आये .छुटकुले मजेदार हैं.
जवाब देंहटाएंWaakai hanste hanste pet men dard ho gaya.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
वाह आलोक जी लाजवाब. आनंद आया.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह आलोक जी लाजवाब. आनंद आया.
जवाब देंहटाएंरामराम.
bahut khoob.. happy blogging :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा ......मजा आ गया ........
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंताऊ को लिंक कर देते!
बेहतरीन चुट्कुले....सारे के सारे मजेदार.....हा हा हा हा हा!!!
जवाब देंहटाएंबढिया जोंक = पकडे़ तो छोडे़ नहीं :)
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