23 जनवरी, 2009

आरती श्री गूगल महाराज की

ॐ जय गूगल हरे !!
स्वामी जय गूगल हरे
प्रोग्रामर के संकट , डेवेलपर्स के संकट ,
क्लिक में दूर करे!!
ॐ जय गूगल हरे !!

जो ध्यावे वो पावे ,
दुःख बिन से मन का , स्वामी दुःख बिन से मन का ,
होमपेज की संपत्ति लावे , होमवर्क की संपत्ति करावे
कष्ट मिटे वर्क का ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!

तुम पूरण सर्च इंजन
तुम ही इन्टरनेट यामी , स्वामी तुम ही इन्टरनेट यामी
पर करो हमारी सैलरी , पर करो हमारी अप्प्रिसल ,
तुम दुनिया के स्वामी ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे .


तुम इन्फोर्मेशन के सागर ,
तुम पालन करता , स्वामी तुम पालन करता ,
मैं मूर्ख खल्कमी , मैं सर्चर तुम सर्वर-आमी
तुम करता धरता !!
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!


दीन बन्धु दुःख हरता ,
तुम रक्षक मेरे , स्वामी तुम ठाकुर मेरे ,
अपनी सर्च दिखाओ , सरे रिसर्च कराओ
साईट पर खड़ा में तेरे ,
स्वामी ॐ जय गूगल हरे !!


गूगल देवता की आरती जो कोई प्रोग्रामर गावे ,
स्वामी जो कोई भी प्रोग्रामर गावे ,
कहेत सुन स्वामी , एम स हरी हर स्वामी ,
मनवांछित फल पावे .
स्वामी ॐ जय गूगल हरे .

2 टिप्‍पणियां:

  1. क्या यह आप की स्वयं की रचना है ? अवलोकन करें
    http://binavajah.blogspot.com/2009/01/blog-post_19.html

    जवाब देंहटाएं
  2. जी इस रचना के रचईता कौन हैं यह तो मुझे नही मालूम पर मैंने रचना को प्रोग्रामर और डेवेलपर्स के अनुरूप बदल कर नया रूप दिया है .

    जवाब देंहटाएं

नमस्कार , आपकी टिप्पणी मेरे प्रयास को सार्थक बनाती हैं .