08 अप्रैल, 2009

शर्त और अनुभव

उम्र के साथ अनुभव आता है , एक बुजुर्ग व्यक्ति और नवयुवक के बीच जो सोच तथा निर्णय का जो फर्क होता है वो अनुभव के कारण ही होता है ।

शायद आपने ये कहानी सुनी होगी . एक बार की बात है, एक शादी में लड़की वालों ने शर्त रखी की बारात में कोई बुजुर्ग नहीं आयेगे , केवल जवान ही शादी में शामिल होंगे . यह बात जब गाँव के एक बुजुर्ग राम जियावन बाबा को पता चली तो वो बोले "देखो बारात में केवल जवान लोग बुलाये गए हैं तो हो न हो कोई गड़बड़ जरुर है ". लड़के के मित्र बोले "बाबा आपको जाने को नहीं मिल रहा है इसलिए आप ऐसा बोल रहे हो ". राम जियावन बोले "नाहीं बच्चा , कुछ बात है, तभी लड़की वाले ऐसी शर्त रखे हैं ".

लड़के के पिता जी बोले "देखिये रिश्तेदारी में शादी हो रही है तो क्या गड़बड़ होगी. लड़की का भाई तो हमें भी आने से मना कर गया है ". राम जियावन बोले "देखो भैया , हम तो शादी में जायेंगे ". लड़के के पिता जी बोले "ठीक है राम जियावन आप लड़को से पूछ लीजिये की वो आप को ले के जायेंगे की नहीं ". लड़को ने मना कर दिया की हम बाबा को लेके नहीं जायेगे .

बाबा ने लड़के के छोटे भाई को बुलाया और कहा "देखो , हम शादी में जायेंगे और ये बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए". लड़के भाई भाई बोला "पर आप जायंगे कैसे ". बाबा बोले "वो जो कपडे और सामान वाला बक्सा जा रहा है , वैसे ही एक बक्से में हम बैठ के चले जायेंगे और वो बक्सा तुम गाड़ी से निचे मत उतरवाना ".

शादी का दिन आ गया ,केवल जवान लड़के ही बारात में शामिल हुए और बाबा बक्से में बैठ कर चल दिए . बारात लड़की के दरवाजे पर पहुंची तो बड़ी आव-भगत हुई लोग बड़े खुश वाह मज़ा आ गया कोई बड़ा नहीं है जम के खायो-पियो . नाश्ते के बाद जब रात में खाने का समय आया तो लड़की का भाई आया और बोला "भोजन तैयार हो गया है पर एक सब्जी बनना बाकी रह गयी है अगर उसे आप लोग बना ले तो आप भोजन कर सकते है अन्यथा आपको भोजन नहीं मिलेगा ".

दुल्हे के दोस्त बोले "अरे इतने लोग है सब्जी तो आराम से बन जायेगी बस आप सब सामान दे दीजिये". लड़की का भाई एक बड़ा सा मटका, जलाने के लिए लकडी और सामान ले आया और बोला "इस मटके में कोहडा (कद्दू ) है आप लोग इसकी सब्जी बना लीजिये शर्त ये है की ये मटका टूटना नहीं चाहिए ". अब सारे लड़के सोच में पड़ गए की बिना मटके को तोडे कोहडा (कद्दू ) बहार कैसे आएगा और उसकी सब्जी कैसे बनेगी .तभी किसी ने लड़की के भाई से पूछा "महाराज , ये कद्दू इस मटके में गया कैसे ?". लड़की का भाई बोला जब कद्दू बहुत छोटा था तभी उसे मटके में डाल दिया था , धीरे-धरे कद्दू बढता गया और अब वो मटके जितना बड़ा हो गया है ".

सारे युवक परेशान की अब सब्जी कैसे बनेगी ,और सोचने लगे "यही बात थी तभी बुजुर्गो को आने से मना किया था ".जब सब सोच के थक गए तो दुल्हे के छोटे भाई को याद आया की बक्से में तो राम जियावन बाबा है , उन्ही से पूछ के आते है . वह बाबा के पास जाता है और बाबा को पूरी कहानी बताता है , बाबा पूरी कहानी सुन कर बोलते है "बस इतनी सी बात ". लड़का बोलता है "हम बहुत देर से परेशान है और आप कह रहे हैं इतनी सी बात , बताइए सब्जी कैसे बनेगी ". बाबा बोले "कद्दू को मटके में ही रहने दो, मटके को आग पर रख पर पकाना शुरू करो, थोडा पानी डाल देना मटके में जब पानी मर्म हो जाये तो कद्दू को लकडी से मार के फोड़ देना और फिर नमक -मसाला डाल के पका देना , सब्जी बन जायेगी ". लड़के ने बाबा की बताई हुई बात पर अमल किया ,थोडी मेहनत के बाद सब्जी तैयार हो गयी तो लड़की वालो को खबर कर दी गयी .

लड़की के पिता जी आये और जब उन्होंने देखा की लड़को ने सब्जी बना दी है तो उन्होंने कहा "हो न हो , आप लोगों के साथ कोई बुजुर्ग जरुर आया है वरना आप को कैसे पता चला की कद्दू की सब्जी बिना कद्दू को काटे हुए भी बन सकती है ". लड़के पहले मना करते रहे की उनके साथ कोई बुजुर्ग नहीं आया है पर जब वो लोग नहीं माने तब दुल्हे के भाई ने बताया की राम जियावन बाबा आये हैं और वो बक्से में बैठे हुए हैं . लड़की के पिता जी बोले "ऐसा अनुभव केवल बुजुर्ग व्यक्ति के पास ही हो सकता है ".

10 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल अनुभव बाबा जी का ही काम आया । आज भी बड़े बुजुर्ग शादी होते है पर बहुत ही कम । कई बार अनेक परेशानी आ जाती है ।तो यहां अनुभव ही काम आता है ।

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  2. बहुत सही कहानी सुनाई जी. और सही बात यही है कि अनुभव उम्र के साथ ही आता है.

    रामराम.

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  3. मज़ा आ गया ...सच है अनुभव उम्र के साथ ही बढ़ता है

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  4. अच्‍छी कहानी ... सैद्धांतिक ज्ञान से व्‍यवहारिक ज्ञान बडा होता है ... क्‍योंकि वह अनुभव पर आधारित होता है।

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  5. आलोक जी, मैं बहुत ही कम समय में आपका बहुत बड़ा "पंखा" बन चुका हूँ! जारी रहे!

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  6. सही कहा....अनुभव बुजुर्ग की पास ही होता है.....जो उसने समय के साथ साथ सीखा होता है........कहानी बहुत कुछ कहती है आज की पीड़ी को .........

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  7. देर से आये है भाई .....माफ़ करना .
    सच है अनुभव उम्र के साथ ही बढ़ता है

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