05 फ़रवरी, 2009

एक अँधेरा लाख सितारे

एक अँधेरा लाख सितारे ,
एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात है जीवन ,
नादान है जो जीवन से हारे

दुनिया की यह बगिया ऐसी ,
जितने कांटे फूल भी उतने
दामन मे ख़ुद आ जायेंगे ,
जिनकी तरफ़ तू हाथ पसारे

बीते हुए कल की खातिर तू
आने वाला कल मत खोना
जाने कौन कहाँ से आकर ,
राहें तेरी फ़िर से संवारे

दुःख से अगर पहचान न हो तो,
कैसा सुख और कैसी खुशियाँ
तूफानों से ही तो लड़कर ,
लगते हैं साहिल कितने प्यारे

एक अँधेरा लाख सितारे ,
एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात है जीवन ,
नादान है जो जीवन से हारे .

3 टिप्‍पणियां:

  1. सबसे बड़ी सौगात है जीवन ,
    नादान है जो जीवन से हारे
    बिल्कुल सही लिखा है ! धन्यवाद

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  2. एक अँधेरा लाख सितारे ,
    एक निराशा लाख सहारे
    सबसे बड़ी सौगात है जीवन ,
    नादान है जो जीवन से हारे .
    ...........बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.
    कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!

    जवाब देंहटाएं
  3. एक अँधेरा लाख सितारे ,
    एक निराशा लाख सहारे
    सबसे बड़ी सौगात है जीवन ,
    नादान है जो जीवन से हारे .
    बहुत ही सुंदर, उम्मीद से भरी
    आप की यह कविता बहुत हिम्मत देती है.
    धन्यवाद

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