एक खरगोश ने उसे देखा और पूछा कि "क्या मैं भी तुम्हारी तरह बिना कुछ किए आराम से बैठ सकता हूँ ".
चील बोला "हाँ , क्यों नही ".
तो खरगोश जहाँ चील बैठा था उसी जगह नीचे जमीन पर बैठ गया और आराम करने लगा । तभी उधर से एक लोमडी गुजरी और उसने खरगोश को आराम करते देखा तो उसके ऊपर कूदी और खा गई .
- आप अगर बैठे हुए हैं और कुछ नही कर रहे हैं , तो आप को बहुत ज्यादा ऊचाई पर होना चाहिए ।(हम जमीन पर रह कर अगर आसमान के सपने देखते है तो हमें वहां पहुचने के लिए कर्म करना पड़ेगा , बिना कर्म किये हम जमीन पर भी बहुत समय तक नही रह सकते हैं )
aaram kar ke aaj tak kuch mila hai janab jo ab mil jayega .
जवाब देंहटाएंachchhi seekh
जवाब देंहटाएंyeh bahut acchi kahaani hai par zyaada acchhi bhi nahi hai kyonki hame pata hai ki aisa toh hogs hii
जवाब देंहटाएंek baat to pata chali is kahani se ki karam he sab kuch hai jab jeb khaali ho tabhi to sapne dekhne chaiye or jab jeb bhar jaaye to sapne such kar sakte ho
जवाब देंहटाएंbakwas
जवाब देंहटाएंreally bakwas
जवाब देंहटाएंआपकी बात 16आने साची है कर्म से बङा कुछ ना!! गीता मे भी इस पर जोर दिया गया है
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