28 फ़रवरी, 2009

नक़ल के लिए अक्ल चाहिए

अक्सर हम देखते हैं की कुछ लोग दूसरो की नक़ल कर के उनके जैसा बनना चाहते है पर वो वैसा कर नहीं पाते उसका कारण ये है की नक़ल के लिए भी अक्ल चाहिए । चलिए मैं आप को एक कहानी सुनाता हूँ । कहानी बहुत पुरानी है शायद आपने सुना भी होगा।

एक ठाकुर साहब अपने छोटे भाई को ले के अपनी ससुराल जाते हैं। ससुराल में ठाकुर साहब की बड़ी खातिरदारी होती है। रात को जब खाने का समय होता है तो वो बोलते है की "हम भोजन नहीं करेगे बस थोडा दही मिल जाये तो खा के सो जायेगे" । दामाद की बात का पालन होता है उनके लिए दही आ जाती है । खाने के बाद बोलते है हम घर में नहीं सोयेगे बाहर एक चारपाई लगवा दी जाये और और एक चद्दर ओढ़ने के लिए दे दी जाये । सुबह उठके ठाकुर साहब कुएं पर जाते है और स्नान करते है । नाश्ता करके वो वापस अपने घर आ जाते है । छोटा भाई जो उनके साथ गया होता ये सारी बाते याद कर लेता है ।

कुछ महीने बाद वो भाई अपने ससुराल जाता है । रात को खाने में वो दही मागता है तो उसकी सास बोलती है "दामाद जी हमने आप के लिए बहुत सारे व्यंजन बनाये है आप दही क्यों खाना चाहते है"। वो कहता है की "मुझे केवल दही ही चाहिए "। दही खाने के बाद वो ठाकुर साहब वाली बात कहता है की "हम घर में नहीं सोयेगे बाहर एक चारपाई लगवा दी जाये और और एक चद्दर ओढ़ने के लिए दे दी जाये" । सब मना करते है लेकिन वो नहीं मानता । फिर वो सुबह उठ के कुएं के ठंडे पानी से नहा लेता है और बहुत ज्यादा बीमार पड़ जाता है ।

ठाकुर साहब को जब ये बात पता चलती है तो उसके पास जाते है और कहते हैं की "तुमने सब कुछ याद रक्खा और उसकी नक़ल की पर ये भूल गए की जब मैं अपनी ससुराल गया था तो गर्मी के दिन थे और इस समय सर्दी का समय है "। बहुत इलाज के बाद उसकी की जान बचती है ।

तो आप जब भी किसी की नक़ल करे तो अपनी बुद्धि का प्रयोग अवश्य करे अन्यथा आप मुसीबत में पड़ सकते हैं ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. आलोक जी
    सही बात कही आपने..........
    तभी तो कहते हैं, नक़ल करने मैं भी अकाल चाहिए जो सब की पास नहीं होती

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  2. बहुत अक्ल की और काम की बात बताई आपने. धन्यवाद इस सुंदर सीख के लिये.

    रामराम.

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  3. रोचक कथा के माध्यम से अच्छी सीख दे दी आपने

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