10 फ़रवरी, 2009

जिंदगी है छोटी

जिंदगी है छोटी , हर पल में खुश रहो ...

ऑफिस में खुश रहो , घर में खुश रहो ...
आज पनीर नही है , दाल में ही खुश रहो ...
आज जिम जाने का समय नही , दो कदम चल के ही खुश रहो ...

आज दोस्तों का साथ नही , टीवी देख के ही खुश रहो ...
घर जा नही सकते तो, फ़ोन कर के ही खुश रहो ...
आज कोई नाराज़ है , उसके इस अंदाज़ में भी खुश रहो ...

जिसे देख नही सकते उसकी आवाज़ में ही खुश रहो ...
जिसे पा नही सकते उसकी याद में ही खुश रहो ...
लैपटॉप न मिला तो क्या , डेस्कटॉप में ही खुश रहो ...

बिता हुआ कल जा चुका है , उससे मीठी यादें है , उनमे ही खुश रहो ...
आने वाले पल का पता नही, सपनो में ही खुश रहो ...
हँसते हँसते ये पल बीतेंगे , आज में ही खुश रहो...

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जिंदगी है छोटी , हर पल में खुश रहो

1 टिप्पणी:

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