17 मार्च, 2009

न्यूटन का ब्लॉग सिद्धांत

यदि सर आइज़क न्यूटन जी आज होते तो शायद उन्होंने ब्लॉग के लिए तीन नियम बताये होते

पहला नियम :

यदि कोई ब्लोगर ब्लॉग लिख रहा है तो वह लिखता ही रहेगा और टिपियाता रहेगा जब तक उसके लेख पर टिप्पणिया मिल रही है ।

दूसरा नियम :

लेख परिवर्तन की दर टिप्पणियों के समानुपाती होती है और उसकी (लेख परिवर्तन की) दिशा वही होती है जो टिप्पणियों की होती है।

तीसरा नियम :

प्रत्येक टिप्पणी के बराबर एवं विपरीत प्रतिटिप्पणी होती है।

और अंत में उन्होंने कहा होता

"ब्लॉग न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट हो सकता है , सिर्फ एक ब्लोगर से कुछ टिप्पणियों के नुकसान के साथ किसी अन्य ब्लोगर को हस्तांतरण हो सकता हैं."

25 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा अनुसंधान है ! बधाई आपके ज्ञान चक्षु खुल गए !:)

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  2. ये न्यूटन जी अंग्रेजी के धाकड़ ब्लॉगर लगते हैं। जरा इमके ब्लॉग का लिंक दीजियेगा! :-)

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  3. chaliye bhai newton's law yadi satya hai ti main khush hoon....
    [...apke uppaar tipya jo raha hoon :)]

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  4. ब्लोगेर्स के सर आइज़क न्यूटन तो आप ही है अलोक भाई .
    जो ये नियम ब्लोगेर्स के लिए बना दिए.

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  5. आलोक भई यह ब्लाग सिद्धान्त तो आलोक सिद्धान्त के रूप में प्रचलित है । अच्छी खोज है जारी रखें कुछ लोगों ने पहले ही शोध की बात कही ही है तो आप सही दिशा में है

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  6. काश अगर वो आज होते तो ऐसा ही होता। क्या परिकल्पना है।

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  7. आखरी वाला तो कुछ कुछ आइंस्टाइनिया किसम का हो गया है. पर फिर भी ये नियम हैं बड़े दुरुस्त और सेल्फ प्रूफ्ड!

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  8. न्यूटन का ब्लॉग सिद्धांत नहीं ये तो अलोक का ब्लॉग सिद्धांत मालूम पड़ता है .

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  9. newton ना हुए ना सही जी, चिंता क्यों करते हैं...आप हैं न यहाँ नियम बनाने के लिए. इत्ती बढ़िया findings हैं, हम तो कहते हैं पेटेंट करा लीजिये.

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  10. अलोक जी अंतिम वाला तो न्यूटन ने नहीं कहा था , पर सिद्धांत अच्छे है .

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  11. भई आलोक जी,आपने ये नहीं बताया कि ये वाले न्यूटन महाश्य कहां पाए जाते हैं......

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  12. साधु साधु.......
    आलोक जी......जय हो आज के ब्लॉगेर न्यटन की

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  13. टिपियाने पहुंचा तो ऊपर जो लिखा दिखा उसके अनुसार ही "आपका प्रयास सार्थक लगा"

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  14. सर आइज़क न्यूटन जी मेरे साथ वाले शहर मै आराम कर रहे है, कहो तो आप का संदेश उन की कब्र मै लिख कर साथ मै दो चार फ़ुल ओर एक दो मोमबत्ती जला आऊं , वो भी लेटे लेटे बोर हो गये होगे, अपने बारे आप की यह सुंदर सी पोस्ट पढ कर खुशी से शायद जाग उठे...
    धन्यवाद

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  15. पहला नियम जो ठेल और टिपिया रहा है वह तब तक टिपियाता रहेगा जब तक कि उस पर बाहरी बल (प्रयोग) नहीं लगेगा। आमतौर पर यह स्‍पाउस की ओर से होता है।


    दूसरा नियम विचारों का प्रवाह और टिप्‍पणी का दबाव अगली पोस्‍ट की दिशा तय करते हैं।

    तीसरा नियम हर पोस्‍ट और टिप्‍पणी के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया करने वाले ब्‍लॉगर ब्‍लॉगजगत में मौजूद हैं।

    आइंस्‍टीन थ्‍योरी:- * बिजली की गति से अधिक तेजी से कई ब्‍लॉग्‍स में अपनी पोस्‍ट ठेलने वाले और टिपियाने वाले ब्‍लॉगर ब्‍लॉगजगत का भविष्‍य हैं।


    हा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हा

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नमस्कार , आपकी टिप्पणी मेरे प्रयास को सार्थक बनाती हैं .