एक लेखपाल जी थे , उनसे नायब साहब ने राजस्व रिपोर्ट मांगी थी ३१ मार्च से पहले । ३० मार्च को भी लेखपाल जी आराम कर रहे थे , रिपोर्ट बनाना शुरू ही नही किए थे ।
नायब साहब ने पूछा - लेखपाल जी रिपोर्ट बन गई ?
लेखपाल जी बोले - हाँ साहब , रहा काम थोड़ा जीन-लगाम-घोड़ा ।
दर्शनशास्त्र के क्लास में प्रोफेसर ने छात्रों से पूछा, आपकी नजर में वास्तविक और निष्ठावान आशावादी कौन है?
एक छात्र ने उत्तर दिया, सर! वह व्यक्ति जो सालों से गंजा है लेकिन जेब में कंघा लिए घूमता है।
एक आदमी अपने मित्र से कह रहा था- मैं बूढ़ा होता जा रहा हूं। जिस तरह लोग मुझसे बातें करते हैं, इससे तो यही अंदाजा होता है।
यह सुनकर उसके मित्र ने तसल्ली देते हुए कहा- तुम बूढ़े नहीं हो। अच्छा यह बताओ कि लोग तुमसे किस अंदाज से बातें करते हैं।
उस आदमी का उत्तर था- पहले वे मुझसे कहा करते थे कि आप शादी क्यों नहीं कर लेते और अब कहते हैं कि आपने शादी क्यों नहीं की?
बस स्टैंड पर खड़े एक युवक ने एक सुंदर युवती से कहा, मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैंने आपको पहले भी कहीं देखा है और आपसे बाते भी की है।
युवती मुस्कराई और मीठे स्वर बोली, मुझे विश्वास है कि आपका विश्वास सही है क्योंकि मैं पागलखाने में नर्स हूं।
कॉलेज के पहले दिन, प्राचार्य महोदय ने छात्रों को कॉलेज के नियम समझाये- कोई भी लड़का लड़कियों के हॉस्टल में नही जा सकेगा। इसी प्रकार कोई भी लड़की लड़कों के हॉस्टल में नहीं जा सकती। इस नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 100 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।
दूसरी बार पकड़े जाने पर 200 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। इसी प्रकार यदि तीसरी बार पकड़े गये तो 1000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। किसी को इस बारे में कुछ पूछना है?
एक लड़के ने हाथ उठाया और पूछा, पूरे एक सत्र के लिए क्या देना होगा सर?
सुरेन्द्र जी (पत्नी से)- अगर मैं मर जाऊं तो तुम क्या करोगी ?
पत्नी (सुरेन्द्र जी से)- वही अगर जो मैं मर जाऊं तो आप करते।
सुरेन्द्र जी (पत्नी से)-मुझे मालूम था तुम दोबारा शादी किए बिना नहीं रहोगी।
कॉलेज में एक बड़ी उम्र की लड़की ने दाखिला लिया तो सारे लड़के-लड़कियों ने उसे मौसी कहना शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक तो उस बेचारी ने सहन किया। अंत में उसने तंग आकर प्रिंसिपल से शिकायत की।
प्रिंसिपल को बड़ा क्रोध आया तो क्लास रूम में पहुंचे और बोले- जो भी इसे मौसी कहता है वह तुरन्त खड़ा हो जाये।
एक-एक करके सारी क्लास खड़ी हो गयी। केवल एक लड़का बैठा रहा। प्रिंसिपल ने बड़ी हैरानी के साथ उस लड़के से पूछा- क्यों भई! तुम इसे मौसी नहीं कहते?
लड़के ने ठंडी सांस भरकर कहा- सर! मैं सारी क्लास का मौसा हूं।
नायब साहब ने पूछा - लेखपाल जी रिपोर्ट बन गई ?
लेखपाल जी बोले - हाँ साहब , रहा काम थोड़ा जीन-लगाम-घोड़ा ।
दर्शनशास्त्र के क्लास में प्रोफेसर ने छात्रों से पूछा, आपकी नजर में वास्तविक और निष्ठावान आशावादी कौन है?
एक छात्र ने उत्तर दिया, सर! वह व्यक्ति जो सालों से गंजा है लेकिन जेब में कंघा लिए घूमता है।
एक आदमी अपने मित्र से कह रहा था- मैं बूढ़ा होता जा रहा हूं। जिस तरह लोग मुझसे बातें करते हैं, इससे तो यही अंदाजा होता है।
यह सुनकर उसके मित्र ने तसल्ली देते हुए कहा- तुम बूढ़े नहीं हो। अच्छा यह बताओ कि लोग तुमसे किस अंदाज से बातें करते हैं।
उस आदमी का उत्तर था- पहले वे मुझसे कहा करते थे कि आप शादी क्यों नहीं कर लेते और अब कहते हैं कि आपने शादी क्यों नहीं की?
बस स्टैंड पर खड़े एक युवक ने एक सुंदर युवती से कहा, मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैंने आपको पहले भी कहीं देखा है और आपसे बाते भी की है।
युवती मुस्कराई और मीठे स्वर बोली, मुझे विश्वास है कि आपका विश्वास सही है क्योंकि मैं पागलखाने में नर्स हूं।
कॉलेज के पहले दिन, प्राचार्य महोदय ने छात्रों को कॉलेज के नियम समझाये- कोई भी लड़का लड़कियों के हॉस्टल में नही जा सकेगा। इसी प्रकार कोई भी लड़की लड़कों के हॉस्टल में नहीं जा सकती। इस नियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 100 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।
दूसरी बार पकड़े जाने पर 200 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। इसी प्रकार यदि तीसरी बार पकड़े गये तो 1000 रुपये जुर्माना अदा करना होगा। किसी को इस बारे में कुछ पूछना है?
एक लड़के ने हाथ उठाया और पूछा, पूरे एक सत्र के लिए क्या देना होगा सर?
सुरेन्द्र जी (पत्नी से)- अगर मैं मर जाऊं तो तुम क्या करोगी ?
पत्नी (सुरेन्द्र जी से)- वही अगर जो मैं मर जाऊं तो आप करते।
सुरेन्द्र जी (पत्नी से)-मुझे मालूम था तुम दोबारा शादी किए बिना नहीं रहोगी।
कॉलेज में एक बड़ी उम्र की लड़की ने दाखिला लिया तो सारे लड़के-लड़कियों ने उसे मौसी कहना शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक तो उस बेचारी ने सहन किया। अंत में उसने तंग आकर प्रिंसिपल से शिकायत की।
प्रिंसिपल को बड़ा क्रोध आया तो क्लास रूम में पहुंचे और बोले- जो भी इसे मौसी कहता है वह तुरन्त खड़ा हो जाये।
एक-एक करके सारी क्लास खड़ी हो गयी। केवल एक लड़का बैठा रहा। प्रिंसिपल ने बड़ी हैरानी के साथ उस लड़के से पूछा- क्यों भई! तुम इसे मौसी नहीं कहते?
लड़के ने ठंडी सांस भरकर कहा- सर! मैं सारी क्लास का मौसा हूं।
(साभार जागरण )
हल्की फुल्की मुस्कराती हुई पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंलगे रहो. .....
ब्लोग्स को पढ़ते हुए कुछ मुस्कुराने का मौका मिले तो अच्छा ही लगेगा ना?
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंमजा गया
रब दी शौ
आलोक भाई फ्री में हंसा रहे हो आर्थिक मंदी में । क्या बात है ? नर्स वाला बहुत ही मजेदार रहा । हाहा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, मुस्कुरा रहा हूँ
जवाब देंहटाएं:)
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
जवाब देंहटाएंमजा गया । :)
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ...mazedar
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया मालिक मज़ा आ गया .
जवाब देंहटाएं:)
:) बढ़िया है यह
जवाब देंहटाएंबोहत बढिया आलोक जी......
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंघणा मजा आया.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.