26 मार्च, 2009

ऐसा क्यों हुआ

शायद १०-१२ साल पहले की बात है, मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था। परिवार में नीलू आंटी, उनके पति और तीन बच्चे थे। बड़ा बेटा ७-८ साल का, मझला बेटा ५-६ साल का और सबसे छोटा बेटा ४-५ महीने का था। नीलू आंटी का छोटा बेटा ऑपरेशन से पैदा हुआ था, डाक्टर ने नीलू आंटी से बोल दिया था की अब वो माँ नहीं बन पायेगी। नीलू आंटी हमेशा मुस्कुराती रहती थी, मैंने कभी उन्हें गुस्से में नहीं देखा था। शायद इसी कारण उनका बड़ा बेटा बहुत शरारती था।

एक दिन नीलू आंटी छोटे बच्चे को टब में नहला रही थी। बड़ा और मझला छत पर खेल रहे थे। अचानक मझले बेटे की दर्दनाक चीख नीलू आंटी को सुनाई दी। वो छत की ओर भागी, ऊपर जा के देखा तो मझले बेटे के पेट में चाकू लगा हुआ है और वो चीख रहा है।
मां को देख उसने बोला की "भैया बोले जैसे मम्मी का ऑपरेशन करके छोटू आया है, मैं भी तेरा ऑपरेशन कर के छोटू लाऊंगा"। नीलू आंटी ने पूछा "वो कहाँ है ?"। मझला बोला "वो उधर पीछे की तरफ से कूद गए "।
नीलू आंटी ने जब नीचे जमीन पर देखा तो बड़ा बेटा ( दुसरे मंजिल से नीचे कूद जाने से सर फट गया था) मर चुका था। अभी वह कुछ और सोच पाती तभी उन्हें याद आया की छोटे बेटे को तो वो टब में ही छोड़ आई है।
वो नीचे दौडी पर जब तक वह आती तब तक छोटा बेटा पानी में डूब कर मर चुका था। अभी वो उसको हाथ में लेकर देख ही रही थी की याद आया मझले को तो चाकू लगा है।
वो फिर ऊपर भागी पर अब तक मझला भी अंतिम सांसे ले रहा था, उसके शरीर से बहुत खून बह चुका था। जब तक लोग आके उसे अस्पताल ले जाते तब तक वह मर चुका था।
नीलू आंटी ने चन्द मिनटों में अपने तीनो बच्चे खो दिए थे। उनकी आँखों से आंसू नहीं निकल रहे थे वो पतथर की तरफ बुत बन गयी थी। जिसने भी इस घटना को सुना वो स्तभ रह गया और एक सवाल सबके दिमाग में था, आखिर ऐसा उनके साथ क्यों हुआ ?

17 टिप्‍पणियां:

  1. आलोक भाई बहुत ही दर्दनाम हादसा । अब यह खेल क्या है और क्यूँ हुआ ? यह प्रश्न मेरे तो कठिन है , कभी कभी सब कुछ लुट जाता है पल भर में ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही दर्दनाक हादसा है।
    मैं तो यह सोचकर ही डर गया कि

    क्‍या भगवान इतना निर्दयी हो सकता है, जो एक पल में ही बसी बसाई जिंदगी बर्बाद कर दे।

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या यह सच हो सकता है ? इससे अधिक क्रूर दुर्भाग्य क्या हो सकता है ? व्यक्ति को विक्षिप्त कर देने वाली बात है।
    घुघूती बासूती

    जवाब देंहटाएं
  4. एक माँ के तीनो लाल एक साथ काल का ग्रास बन गए और भगवान देखता रह गया .बहुत ही दर्दनाक हादसा ऐसा किसी के साथ कभी न हो .

    जवाब देंहटाएं
  5. ऐसा हादसा जिसके साथ हो जाये वो तो मौत की दुआ मांगेगा . शायद उनके भाग्य में ऐसा ही लिखा था .

    जवाब देंहटाएं
  6. ....
    ....कोई शब्द नहीं....!!
    क्या इसे ही विधि क विधान कहते होंगे।

    जवाब देंहटाएं
  7. शायद अगर वो सबसे छोटे को पानी में छोड़ कर नहीं गयी होती तो वो बच जाता . पर शायद उपरवाले को ऐसा मंजूर न था .

    जवाब देंहटाएं
  8. aesa hi ek hadsa lucknow mae bhi hua thaa lekin karib 50 saal pehlae

    जवाब देंहटाएं
  9. क्या कहे ....भाग्य का खेल ...या ...विधि क विधान...
    पता नहीं ...पर मन को काफी दुःख पंहुचा .
    प्लीज ऐसी दर्दनाक ......... से दूर रहो.

    जवाब देंहटाएं
  10. भाई बहुत ही दर्दनाक उफ क्षमा करें कुछ भी कहने को नहीं बन रहा

    जवाब देंहटाएं
  11. ओह, रीयली? इससे दुखद क्या हो सकता है?

    जवाब देंहटाएं
  12. बड़ा दर्दनाक हादसा बयां किया आपने

    जवाब देंहटाएं
  13. itana dard khuda kisi ko naseeb na kare,padhke hi kaate aa gaye sharir par,jisne bhugata hoga unka dard bahut bada hai.

    जवाब देंहटाएं
  14. जिसने भोगा होगा,उस मां के दुख की तो कल्पना करना भी असंभव है...होई सो राम रची राखा

    जवाब देंहटाएं
  15. बड़ा दर्दनाक हादसा,क्रूर दुर्भाग्य..../

    जवाब देंहटाएं
  16. प्रिय आलोक जी,
    यदि ये सब आप के सामने हुआ है तब तो यकीन करना होगा ! परंतु लोजिक सपोर्ट निल है!

    अब कारण भी सुन लो ==
    क्यो कि पिछ्ले जन्म मे नीलू आंटी एक शेरनी थी और उन्होने एक हिरनी के परिवार के तीन छोटे बच्चो को एक साथ मार दिया था जब के हिरनी को इस लिये छोड दिया क्यो कि उसे अपने शावको के लिये केवल नरम चारा चाहिये था और उसका पेट भरा था !

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत ही दर्द नाक, अब क्या कहे.... कोई शव्द सुझ ही नही रहा...

    जवाब देंहटाएं

नमस्कार , आपकी टिप्पणी मेरे प्रयास को सार्थक बनाती हैं .